रुत है बरसात की देखो ज़िद मत करो... पढ़ें बादल पर लिखे जोरदार शेर

Published by: एबीपी लाइव
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बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
- निदा फ़ाज़ली

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सदाओं को अल्फ़ाज़ मिलने न पाएँ
न बादल घिरेंगे न बरसात होगी
- बशीर बद्र

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ये ख़्वाब है ख़ुशबू है कि झोंका है कि पल है
ये धुँद है बादल है कि साया है कि तुम हो
- अहमद फ़राज़

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इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं
ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते
- बशीर बद्र

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पेड़ों की तरह हुस्न की बारिश में नहा लूँ
बादल की तरह झूम के घर आओ किसी दिन
- अमजद इस्लाम अमजद

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सुना है रात भर बरसा है बादल
मगर वो शहर जो प्यासा रहा है
- नासिर काज़मी

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रुत है बरसात की देखो ज़िद मत करो रात अँधेरी है बादल हैं छाए हुए
रुक भी जाओ सनम तुम को मेरी क़सम अब कहाँ जाओगे ऐसी बरसात में
- फ़ना बुलंदशहरी

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पहले तो मैं चीख़ के रोया और फिर हँसने लगा
बादल गरजा बिजली चमकी तुम याद आए
- नासिर काज़मी

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दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था
इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था
- क़तील शिफ़ाई

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कभी झूटे सहारे ग़म में रास आया नहीं करते
ये बादल उड़ के आते हैं मगर साया नहीं करते
- नुशूर वाहिदी

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