वृंदावन के गोपेश्वर मंदिर में महादेव गोपी के रूप में वास करते हैं

यह दुनिया की इकलौता मंदिर है जहां महादेव गोपी के रूप में नजर आते हैं

मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा सबसे पहले पूजा की थी

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने यहां गोपियों के साथ महारास करने का निश्चय किया

जब उन्होंने अपनी बांसुरी बजाई तो उनकी बंसी की धुन महादेव ने भी सुन ली

महादेव को यह धुन इतनी निराली लगी कि वो मां पार्वती के साथ महारास में शामिल होने के लिए आ गए

जब महादेव वहां पहुंचे तो गोपियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया

गोपियों ने महादेव से कहा कि यहां श्रीकृष्ण के अलावा किसी दुसरे पुरुष को प्रवेश नहीं मिलेगी

इसके बाद महादेव गोपी का वेश धारण कर महारास में शामिल हो गए

वहां भगवान कृष्ण ने उन्हें पहचान लिया और कहा आओ मेरे गोपेश्वर नाथ

जिसके बाद श्रीकृष्ण ने भोलेनाथ के साथ मिलकर महारास किया