मुगल सल्तनत नए साल के जश्न की तैयारियों में जुटा था

नए साल के अवसर पर मीना बाजार को सजाया गया था

वहां महल की महिलाएं दुकानें सजाई थी

जेवर, मसाले और दूसरी चीजें बेच रही थीं

महिलाएं दुकान से होने वाली आमदनी से गरीबों की मदद करती थीं

दुकानदारी के समय मुगल महिलाएं बिना नकाब की थीं

इसलिए वहां सिर्फ बादशाह या शहजादें ही आ सकते थे

सामान खरीदने के लिए शहजादे खुर्रम भी वहां गए

उन्होंने एक दुकान पर एक लड़की को पत्थर और रेशम बेचते हुए देखा

खुर्रम का दिल धड़का और पहली नजर में ही उस लड़की से मोहब्बत हो गई

वह लड़की कोई और नहीं बल्कि मुमताज महल ही थीं

ऐसे में दोनों की मोहब्बत मीना बाजार से शुरू हुई थी