इंदौर को स्वाद की राजधानी और बेमिसाल जायके का शहर कहा जाता है



इंदौर का नाम सुनते ही लोग सबसे पहले इंदौरी पोहा और जलेबी का नाम लेते हैं



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर के स्वाद को देखते हुए इसे स्वाद की राजधानी का दर्जा दिया



इंदौरी पोहे का इतिहास एक खास व्यक्ति से जुड़ा हुआ है, जिनका नाम पुरुषोत्तम जोशी है



पुरुषोत्तम जोशी रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले से इंदौर आए थे



उन्होंने सबसे पहले गोदरेज कंपनी में सेल्समैन की नौकरी की लेकिन फिर कुछ अलग करने की सोची



पुरुषोत्तम जोशी ने इंदौरियों को पोहे का स्वाद चखाने के लिए तिलकपथ पर 'उपहार गृह' नाम से दुकान खोली



इस दुकान में 10-12 पैसे का प्लेट पोहा बिकता था जो इंदौरियों को बेहद पसंद आया



आज इंदौर में करीब 3000 दुकानें हैं जहां पोहा बिकता है और यह एक बड़ा व्यापार बन चुका है



पहले इंदौर में पोहा केवल मारवाड़ी और महाराष्ट्रीयन परिवारों में ही खाया जाता था, लेकिन अब यह इंदौर की पहचान बन चुका है.