गुरु द्रोणाचार्य ने चक्रव्यूह की रचना की थी अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु को चक्रव्यूह को भेदने का आदेश दिया गया अभिमन्यु चक्रव्यूह भेदना तो जानते थे, लेकिन उससे निकलना नहीं अभिमन्यु फिर भी कौरव सेना को हराते हुए अंदर घुसते गए अभिमन्यु 7वें और आखिरी चरण तक पहुंच गए थे वहां, उन्हें दुर्योधन, जयद्रथ सहित 7 महारथियों ने घेर लिया नियमानुसार निहत्थे पर वार नहीं होना चाहिए था मगर पीछे से निहत्थे अभिमन्यु पर जयद्रथ ने प्रहार किया फिर सातों योद्धाओं ने वार पर वार शुरू कर दिए अभिमन्यु वहीं वीरगति को प्राप्त हो गए