1991 में मुंबई के लोखंडवाला में एक बड़ा शूटआउट हुआ जिसमें माया डोलस और दिलीप बुवा मारे गए थे यह एनकाउंटर आफताब अहमद खान के नेतृत्व में हुआ और बहुत चर्चा में रहा कहा जाता है कि इस एनकाउंटर के लिए पुलिस को दाऊद इब्राहिम से टिप मिली थी दाऊद ने फोन करके पुलिस को बताया था कि माया और दिलीप लोखंडवाला की बिल्डिंग में हैं 16 नवंबर 1991 को पुलिस को जानकारी मिली कि माया और दिलीप अपने साथियों के साथ स्वाति बिल्डिंग में हैं पुलिस टीम ने बिल्डिंग में पहुंचकर एनकाउंटर शुरू किया जो बहुत चर्चित हो गया एनकाउंटर में इतनी गोलियां चलीं कि बिल्डिंग पूरी तरह से छलनी हो गई गोलीबारी की आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी थी और इलाके में हड़कंप मच गया था यह एनकाउंटर कैमरे पर रिकॉर्ड हुआ था जिससे पुलिस पर सवाल भी उठे थे कहा जाता है कि माया और दिलीप ने दाऊद के ऑर्डर्स से मुंह मोड़ लिया था यह एनकाउंटर मुंबई के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में दर्ज हुआ.