पुरानी परंपरा आज भी कायम हैं
यहां काली-पीली मारबत निकाली गई
तादाद में लोगों की भीड़ जमा हुई
इस परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं
काली और पीली मारबत बनाई जाती हैं
उस समय शहर में बीमारियों का दौर चल रहा था
जिसके बाद हर साल इसे बनाया जाने लगा
और शहर के बाहर इसे जला दिया जाता है
और बुराइयां खत्म हो जाती है
शहर में ही सेलिब्रेट किया जाता है