नागपुर में चली आ रही 143 साल

पुरानी परंपरा आज भी कायम हैं

Published by: एबीपी स्टेट डेस्क
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मंगलवार 3 सितंबर को तान्हा पोला के अवसर पर

यहां काली-पीली मारबत निकाली गई

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इस जुलूस को देखने के लिए हजारों की

तादाद में लोगों की भीड़ जमा हुई

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आज हम आपको सालों से चली आ रही नागपुर की

इस परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं

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तान्हा पोला के दिन मारबत फेस्टिवल मनाने के लिए

काली और पीली मारबत बनाई जाती हैं

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दरअसल, इसकी शुरुवात साल 1885 में हुई थी

उस समय शहर में बीमारियों का दौर चल रहा था

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लोगों की धारणा थी कि मारबत बनाने पर बीमारियों से मुक्ति मिलेगी

जिसके बाद हर साल इसे बनाया जाने लगा

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मारबत को जुलुस की तरह निकाला जाता है

और शहर के बाहर इसे जला दिया जाता है

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माना जाता है कि ऐसा करने से सारी बीमारियां

और बुराइयां खत्म हो जाती है

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पूरे देश में ये उत्सव सिर्फ नागपुर

शहर में ही सेलिब्रेट किया जाता है

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