आयुर्वेद जगत में महर्षि वाग्भट का नाम बहुत चर्चित है. इनका स्थान आचार्य आत्रेत और सुश्रुत के समान है.

महर्षि वाग्भट का अष्टांग हृदयम ऐसा ग्रंथ है, जिसमें बीमारी, कारण और उपचार का वर्णन मिलता है.

स्वस्थ-निरोगी जीवन के लिए महर्षि वाग्भट के इन नियमों का पालन करें.

महर्षि वाग्भट के ये नियम आपको कभी बीमार नहीं होने देंगे. जानते हैं इसके बारे में.

दिन की शुरुआत 1-3 ग्लास हल्का गर्म पानी पीकर करें. इससे पथरी और मोटापा दूर होगा.

पानी हमेशा नीचे बैठकर और घूट-घूटकर पीना चाहिए.

भोजन को खूब चबा-चबाकर खाएं. इससे खाना पचेगा और अपच नहीं होगी.

भोजन के बाद तुरंत पानी न पाएं. यह विष के समान होता है.

दूध से साथ नमक,प्याज, कटहल और लहसुन जैसे विरुद्ध आहार न खाएं.