भगवान महावीर जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में सबसे अंतिम तीर्थंकर थे उनका जन्म ईसा पूर्व 599 वर्ष माना जाता है उन्होंने 30 वर्ष की आयु में राज वैभव त्याग दिया मान्यताओं के अनुसार महावीर स्वामी ने 12 वर्षों की कठिन तपस्या की इसके बाद उन्हें 498 ई.पू. में कैवल्य प्राप्त हुआ जैन धर्म में कैवल्य सर्वोच्च ज्ञान को कहते हैं उस समय भगवान महावीर की आयु 42 वर्ष थी उन्हें ऋजुपालिका नदी के किनारे ज्ञान प्राप्त हुआ यह नदी बिहार के जिझिक नामक ग्राम के पास स्थित थी