मालदीव में धर्म बदलने पर मिलती है ये कड़ी सजा

मालदीव देश को 26 जुलाई 1965 में आजादी मिली थी



खास बात तो ये है कि भारत ही वो पहला देश था, जिसने इस देश को मान्यता दी



इस देश का आधिकारिक धर्म इस्लाम है और यहां की 98 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है



मालदीव का संविधान कहता है कि सिर्फ उन्हें ही नागरिकता मिलेगी जो मुस्लिम है



देश के 2008 के संविधान के अनुसार, यहां रहने वाले लोगों का राजधर्म सुन्नी मुस्लिम होगा



इतना ही नहीं कोई भी मुस्लिम यहां दूसरा धर्म नहीं बदल सकता है



अगर कोई मुस्लिम धर्म परिवर्तन करता है तो उसे सजा दी जाएगी



Ministry of Islamic Affairs के अनुसार, ऐसे लोगों को कड़ी सजा दी जाएगी



हर साल यहां करीब 10 लाख टूरिस्ट घूमने के लिए आते हैं