राजस्थान केवल अपने महलों और किलों को लेकर प्रसिद्ध नहीं है यहां की गुफाएं भी अपने आप में इतिहास को समेटे हुए हैं ऐसी ही एक गुफा है जहां कभी महाराणा प्रताप रहा करते थे महल छोड़कर महाराणा प्रताप ने मायरा की गुफा को शस्त्रागार बनाया था वह अपने साथियों के साथ इसी गुफा में युद्ध की रणनीति बनाया करते थे मायरा की गुफा उदयपुर शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर गोगुन्दा तहसील के पास है ये किसी भूल भुलैया से कम नहीं है और यहां जाना भी आसान नहीं है वीर राणा ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक मेवाड़ आजाद नहीं होगा वो महलों को छोड़ जंगलों में रहेंगे इसलिए महाराणा ने इस गुफा को अपना शस्त्रागार बनाने के लिए चुना था इस गुफा की खासियत यह थी कि इसे बाहर से देखने पर इसके अंदर जाने का कोई मार्ग दिखाई नहीं देता है