पृथ्वी से लगभग 850 प्रकाश वर्ष दूर है एक एक्सोप्लैनेट इसका नाम WASP-121b है जो बृहस्पति ग्रह के है आकार का इस ग्रह के आधे हिस्से पर अंधेरा और आधा है तारों के संपर्क में इस वजह से यहां होती है रत्नों की बारिश यहां का तापमान होता है 3,200°C तक जो धातुओं को वाष्पीकृत करने के लिए है पर्याप्त यहां रात के समय रूबी और नीलम रत्न बरसते हैं बूंदों की तरह यहां भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं लिथियम, सोडियम जैसे तत्व यहां 11,000 मील/घंटे की रफ्तार से चलती हैं गर्म हवाएं ब्रह्माण्ड में छिपे हैं इस तरह के कई राज