नाम है मेरा शंकर, हूं मैं गुंडा नंबर 1, गुंडा
जिसकी जरूरत उसूलों से बड़ी होती है, वो ना नहीं बोल सकता, जाल
दुश्मन का बॉर्डर हो या दी हुई जुबान, हिंदुस्तानी सिपाही पीछे नहीं हटता, लक
जिनके घर शीश के होते हैं ना,वो बेसमेंट में कपड़े बदलते हैं, गोलमाल
अब जिंदगी तुझे तकलीफ नहीं देगी, वो तकलीफ देगा तुझे, बॉस