मोदी सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन के लिए एक कमेटी का गठन किया था तब से वन नेशन वन इलेक्शन को लेकर बहस तेज हो गई है ऐसे चुनाव कराने का तरीका कोई नया नहीं है आजादी के बाद के चुनाव इसी फॉर्मूले के तहत हुए थे भारत का पहला चुनाव (1951-52) इसी के तहत हुआ था लगातार चार बार वन नेशन वन इलेक्शन के तहत चुनाव हुए साल 1967 में एक देश एक चुनाव के तहत आखिरी बार चुनाव हुआ कई कारणों की वजह से इसे जारी नहीं रखा जा सका इसका एक कारण था कि कुछ राज्यों में सरकार अपने कार्यकाल पूरा होने से पहले गिर गई इसके अलावा समय से पहले चुनाव होने की वजह से ये फॉर्मूला दोबारा लागू नहीं हो पाया