मोम से लेकर थप्पड़ तक बॉलीवुड की इन फिल्मों ने तोड़ा स्टीरियोटाइप
इस फिल्म में एक सौतेली मां बेटी को न्याय दिलाने के लिए लड़ती है तभी इसका स्टीरियोटाइप टूटा
इस फिल्म ने ये साबित किया कि बेटा हो या बेटी दोनों एक जैसे हैं
तारे जमीन पर फिल्म हमारे बचपन की सबसे पसंदीदा फिल्मों में से एक है
इंग्लिश विंग्लिश में इस सोच को बदला कि कुछ नया सीखने की कोई उम्र सीमा नहीं होती
पीरियड्स पर बनी इस फिल्म ने लोगों को खूब इंस्पायर किया है
निल बट्टे सन्नाटा एक मजेदार और विचारोत्तेजक फिल्म है
घरेलू हिंसा पर बनी थप्पड़ फिल्म ने लोगों को बहुत कुछ सिखाया है
मिशन मंगल फिल्म ने सिखाया है कि हर कोई अपना सपना साकार कर सकता है
फिल्म बधाई हो ने लोगों की सोच को बदला है इस फिल्म की कहानी प्रेग्नेंसी को लेकर है