मुगलों के शासन में किन्नरों के पास कई तरह की जिम्मेदारियां होती थीं

मुगल इतिहास में एक किन्नर काफी प्रभावशाली रहा था

इतिहास में इसका नाम जावेद से दर्ज हुआ है

मोहम्मद शाह रंगीला ने उसे हरम का सहायक अधीक्षक बनाया था

मगर जावेद और सफदरजंग की कभी नहीं बनी

सफदरजंग उस समय के बादशाह का वजीर था

उसने साजिश से जावेद की हत्या कर दी थी

‘फॉल ऑफ द मुग़ल एम्पायर’ किताब में इसका जिक्र है

जावेद की मौत से बादशाह और उनकी मां काफी दुखी थे

मां उधमबाई ने तो विधवा की तरह अपने गहने उतार दिए थे

इसके साथ ही उन्होंने सफेद कपड़े पहन लिए