कटवा लिया सिर, लेकिन औरंगजेब के सामने नहीं झुके गुरु तेग बहादुर



औरंगजेब चाहता था कि गुरु तेग बहादुर इस्लाम धर्म अपना लें



औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर के सामने रखी शर्त



शर्त ये थी कि या तो गुरु इस्लाम कुबूल करें



या फिर मरने के लिए तैयार हो जाएं



गुरु तेग ने ये शर्त नहीं मानी जिसके बाद उन्हें पिंजरे में कर दिया गया बंद



गुरु तेग का विचार बदलने के लिए उनके साथियों को किया गया प्रताड़ित



गुरु तेग बहादुर नहीं माने तो औरंगजेब ने दी मौत की सजा



जल्लाद ने गुरु तेग बहादुर का सिर धड़ से कर दिया अलग



उनकी शहादत के स्थान पर ही बनाया गया सीसगंज गुरुद्वारा