शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताजमहल का करवाया था निर्माण



मुमताज ने बादशाह से सुंदर महल बनावाने की जताई थी इच्छा



कहा था- मेरी याद में ऐसा एक मकबरा बनवाना जो दुनिया में कहीं न हो



मुमताज की मौत के बाद आगरा में रखी गई थी ताज की नींव



शाहजहां ने ताजमहल बनवाने में नहीं छोड़ी थी कोई कसर



ताज को तैयार करने के लिए कारीगरों की थी लंबी-चौड़ी टीम



शाहजहां की जीवनी ‘शाहजहां द राइज एंड फॉल ऑफ द मुगल एम्‍परर’ में है ज्रिक



फर्गुस निकोल ने लिखी है जीवनी



ताजमहल बनाने वाले ज्यादातर मजदूर कन्नौज के हिंदू थे



कुछ मजदूर मुस्लिम भी थे



कश्मीर के राम लाल को बगीचे बनाने की दी गई थी जिम्मेदारी