'ला इलाहा' पढ़ने पर औरंगजेब ने इस संत का क्यों कटवा दिया था सिर



सरमद संत अपने समय के लोकप्रिय सूफी थे



अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव पर सरमद निर्वस्त्र रहने लगे थे



सूफी सरमद कलिमा का सिर्फ छोटा सा हिस्सा पढ़ते थे



सरमद जिस हिस्से को पढ़ते थे वो ला इलाहा था



पूरे कलिमे में कहा जाता है कि अल्लाह के सिवा कोई खुदा नहीं है



लेकिन सरमद 'ला इलाहा' यानी कोई खुदा नहीं है वाला हिस्सा ही पढ़ते थे



औरंगजेब को इस बात का पता चला तो उसने सिर कलम करने का दिया आदेश



जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे सरमद का सिर कटवा दिया गया



उसी जगह पर सूफी सरमद की बनवा दी गई मजार