बहादुर शाह जफर साल 1837 में बादशाह बनाए गए 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों को खदेड़ने का किया आह्वान 20 सितंबर 1857 को अंतिम मुगल बादशाह को करना पड़ा आत्मसमर्पण इसके बाद अंग्रेजों ने दिल्ली पर फिर से अपना कब्जा स्थापित किया इसी दिन बहादुर शाह के तीन बेटों को मार दी गई गोली बहादुर शाह जफर की आंखों के सामने ही बेटों ने तोड़ दिया दम अगले दिन अंग्रेजों ने बहादुर शाह को गिरफ्तार कर चलाया गया मुकदमा 87 साल की उम्र में 1862 में बहादुर शाह जफर ने ली अंतिम सांस अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ सबसे पहले मंगल पांडे ने खोला था मोर्चा मंगल पांडे ने न सिर्फ आवाज उठाई बल्कि अंग्रेजों की साख भी हिलाकर रख दी थी