जब भी मुगलों की बात होती है, उनके खान पान का जिक्र जरूर होता है अकबर के नव रत्नों में से एक अबुल फजल ने अपनी किताब में मुगलों के खानपान और रसोई का जिक्र किया है उन्होंने अपनी किताब आईन-ए-अकबरी में खानपान का जिक्र किया है अकबर के समय में मुगलों का खानपान 3 हिस्सों में बंटा था अबुल लिखते हैं कि पहले हिस्से में मांस बिल्कुल नहीं शामिल किया जाता था इस खाने को सूफियाना खाना कहा जाता था दूसरे हिस्से में मांस और आनाज को एक साथ बनाया जाता था इसको बनाने के दौरान बहुत कम मसालों का प्रयोग किया जाता था तीसरे हिस्से में मांस का अधिक इस्तेमाल किया जाता था इसमें मसाले का भी इस्तेमाल अधिक किया जाता था इस खाना को शुद्ध घी में पकाया जाता था अबुल फजल अपनी किताब में लिखते हैं, बादशाह को सबसे ज्यादा दाल, मौसमी सब्जियां और पुलाव पसंद था.