श्रीलंका में मुस्लिम डॉक्टर मोहम्मद शफ़ी पर लगाया गया था गंभीर आरोप मोहम्मद शफ़ी पर गुप्त रूप से चार हज़ार बौद्ध महिलाओं की नसबंदी करने का लगा था आरोप डॉक्टर पर सीज़ेरियन ऑपरेशन के दौरान महिलाओं की नसबंदी करने का लगा था आरोप 24 मई 2019 को आतंकवाद से जुड़ी धाराओं के तहत शफ़ी को किया गया था गिरफ़्तार 60 दिनों तक जेल की सलाख़ों के पीछे रहे थे डॉक्टर मोहम्मद शफ़ी जुलाई 2019 में अदालत ने शफ़ी को ज़मानत दे दी थी शफ़ी पर जांच चलने की वजह से जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था मई 2023 में सबूतों की कमी के बाद गिरफ्तारी के चार साल होने पर शफ़ी को उनके पद पर वापस भेज दिया