चंद्रयान-3 और आदित्य-एल 1 ने भारतीयों में अंतरिक्ष के प्रति रुचि बढ़ाई है कई बच्चों का एस्ट्रोनॉट बनने का सपना होता है एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजने से पहले कई महीनों की मेहनत होती है मगर कभी-कभी एस्ट्रोनॉट दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं एक ऐसी ही घटना साल 1986 में पूरी दुनिया ने लाइव देखी थी NASA के चैलेंजर यान ने सुबह 11.38 बजे उड़ान भरी थी मगर यान में खराबी आ गई और विस्फोट हो गया उड़ान भरने के 73 सेकेंड बाद ही यान आग का गोला बन गया था इस हादसे में सभी सात अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई रिपोर्ट के मुताबिक, उस अंतरिक्षयान के टुकड़े 881 जगहों पर गिरे थे