अंतरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग चंद्रमा पर पहुंचने वाले पहले इंसान थे

उन्होंने चांद पर 20 जुलाई, 1969 को कदम रखा

उस दौर में लोगों ने कहा, चांद पर नील ने कदम रखा ही नहीं

इस विवाद को जन्म देने वाले लोगों ने इसके पीछे अपने-अपने तर्क दिए

लोगों ने अंतरिक्षयात्री द्वारा ली गई फुटेज पर भी सवाल उठाएं

नासा ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अमेरिका में 5 फीसदी लोग ऐसे भी हैं

जो ये मानते ही नहीं है कि चांद पर किसी इंसान के कदम पड़े

केसिंग ने किताब में तर्क दिया कि चांद पर बिना हवा के कैसे अमरीकी झंडा लहरा रहा है

यह तर्क भी दिया कि यह कैसा आसमान है जहां तारे ही नहीं नजर आ रहे हैं

चांद की सामने आई तस्वीरों में दिखे जूतों के निशान तक को झूठा बताया गया