शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरुप की पूजा की जाती है.



शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की आराधना करें.



इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नानदि करके मां की आराधना करें.



मंदिर में ज्योत जलाएं, मां को सफेद कमल और पीले-लाल गुलाब अर्पित करें.



मां का ये स्वरुप बहुत शांत और कल्याणकारी है.



मां के इस स्वरुप में मां के सिर पर घण्टे के आकार का अर्धचंद्र है इसीलिए मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा



मां के इस स्वरुप से आराधना से समस्त सासंरिक कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.



मां दुर्गा का ये स्वरुप शिव जी को पति के रुप में पाने के बाद आदिशक्ति चंद्रघंटा बन जाती है.



मां के मंत्र का सही उच्चारण करने से बुरी आत्मा, बुरे इरादों और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने की शक्ति मां प्रदान करती है.