वैसे तो नोटिस पीरियड सर्व करना कर्मचारी के नैतिक-आर्थिक हितों की बेहतर रहता है

वैसे तो नोटिस पीरियड सर्व करना कर्मचारी के नैतिक-आर्थिक हितों की बेहतर रहता है

ये नियम इसलिए भी रखा जाता है ताकि रिजाइन करने वाले का रिप्लेसमेंट ढूंढ सकें

यदि नोटिस पीरियड सर्व नहीं करना चाहते तो कंपनी की कुछ शर्तें माननी होती हैं

ये सभी नियम-शर्तें जॉइनिंग के वक्त कर्मचारी से साइन करवाए गए डोक्यूमेंट्स में लिखी होती हैं

यदि कागज साइन किए हैं तो नोटिस पीरियड सर्व करने की अनिवार्यता के साथ ऑप्शन भी होते हैं

कम दिन के अंदर नोटिस पीरियड खत्म करना है तो उसके लिए भी अलग नियम-शर्तें होती हैं

कंपनी की कांट्रेक्ट पॉलिसी में अस्थाई कर्मी का नोटिस पीरियड 15-30 दिन का होता है

वहीं स्थाई कर्मचारियों के लिए 1-3 महीने तक का नोटिस पीरियड सर्व करना पड़ सकता है

नोटिस पीरियड को कम करने के लिए लीव या सैलरी एडजस्टमेंट या कंपनी को पेमेंट करने का भी ऑप्शन है

रिजाइन करने से पहले ही कंपनी HR से नोटिस पीरियड से जुड़े सवाल क्वियर कर लेने चाहिए