पिछले साल ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट आई थी कि अफगानिस्तानी की करेंसी 'अफगानी' दुनिया में सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है.
रिपोर्ट में बताया गया कि दो साल में अफगानी की वैल्यू 9 प्रतिशत बढ़ गई है. XE कंवर्टर के अनुसार एक अमेरिकी डॉलर की वैल्यू 70 अफगानी है. यानी भारतीय और पाकिस्तानी रुपये के मुकाबले इसकी कीमत ज्यादा है.
भारत में एक डॉलर की वैल्यू 85.38 रुपये है, जबकि पाकिस्तान में 278.07 पाकिस्तानी रुपये है.
अफगानी और इंडियन रुपीज की वैल्यू की बात करें तो 1 अफगानी की वैल्यू भारत में 1.21 रुपये के बराबर है.
अफगानी की वैल्यू पाकिस्तान में और भी ज्यादा है. वहां पर एक अफगानी 3.96 पाकिस्तानी रुपये के बराबर है.
अफगानिस्तान दुनिया के सबसे गरीब देशों में से है फिर भी उसकी करेंसी सबसे तेजी से बढ़ रही है.
करीब तीन साल से अफगानिस्तान में तालिबान का शासन है और उसने अफगानी को मजबूती देने के लिए कई नियम लागू किए हैं.
तालिबान ने अफगानिस्तान में अमेरिकी डॉलर और पाकिस्तानी रुपये के इस्तेमाल पर रोक लगाकर अफगानी को बढ़ावा दिया.
संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान को 5.8 अरब डॉलर की सहायता दी जो अफगानी की बढ़त में सहायक साबित हुई.
यूएन के अनुसार, अफगानिस्तान की 3.4 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रही है.