ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर और उसके रत्न भंडार को लेकर कई ऐतिहासिक कहानियां जुड़ी हैं



एक समय ऐसा भी था जब जगन्नाथ मंदिर को औरंगजेब की मृत्यु तक बंद रखा गया था. आइए जानते हैं क्या है इसकी कहानी



मुगल शासक औरंगजेब की नजर भी मंदिर के रत्न भंडार पर थी और इसलिए उसने इस खजाने को लूटने के लिए जगन्नाथ मंदिर को तोड़ने का आदेश दे दिया



औरंगजेब का ये आदेश पूरा तो न हो सका, लेकिन उसकी मृत्यु तक मंदिर को बंद कर दिया गया



औरंगजेब के अलावा मंदिर को लूटने में मुख्य नाम काला पहाड़ का भी आता है



ऐसा कहा जाता है कि 14वीं और 18वी सदी के बीच जमा किए गए सोने को 18 बार लूटने की कोशिश की गई



आक्रमण और लूटपाट से बचने कि लिए मंदिर की मूर्तियों को छुपाया भी गया



इतने आक्रमण के बाद भी श्री जगन्नाथ की गिनती दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में होती है



ऐतिहासिक दस्तावेज मदला पंजी के मुताबिक, राजा अनंदभीम देव ने जगन्नाथ को दान में साढे 14 लाख ग्राम सोना अर्पण किया था



गजपति साम्राज्य के राजा कपिलेंद्र देव ने भी 16 हाथियों पर सोना लादकर श्री जगन्नाथ को दान किया