निर्जला एकादशी 31 मई 2023 को है. इस दिन 24 घंटे निर्जल व्रत रखकर श्रीहरि का पूजन किया जाता है.

ज्येष्ठ शुक्ल निर्जला एकादशी तिथि 30 मई को दोपहर 01.07 से 31 मई 2023 को दोपहर 01.45 मिनट तक रहेगी.

निर्जला एकादशी पर चरणामृत में तुलसी दल डालकर विष्णु जी को चढ़ाएं, अब दांपत्ति इसे ग्रहण करें, इससे पति-पत्नी को दीर्धायु का वरदान मिलता है.

निर्जला एकादशी पर जल से भरा कलश दान करने पर सुहाग पर आने वाला संकट टल जाता है. वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है.

निर्जला एकादशी के दिन पीपल के पेड़ में कच्चा दूध में तिल, फूल, गंगाजल डालकर अर्पित करें, इससे पितृदोष खत्म होता है, संतान सुख मिलता है.

इस दिन निर्जला एकादशी की कथा का जरुर श्रवण करें. मान्यता है इससे सभी 24 एकादशियों का फल मिलता है.

निर्जला एकादशी पर जो दंपत्ति विष्णु जी के मंत्रों से हवन करते हैं, वह हर भौतिक सुख को प्राप्त करते हैं. अंत में दोनों स्वर्गलोक जाते हैं.

इस साल निर्जला एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि, रवि योग का संयोग बनेगा, जो व्रती को दोगुना फल प्रदान करेगा और आर्थिक सुख में वृद्धि करेगा.