एक व्यक्ति अंगदान से 50 लोगों को नया जीवन मिल सकता है

एक व्यक्ति अंगदान से 50 लोगों को नया जीवन मिल सकता है

कुछ लोग जीते जी अंगदान करते हैं तो कुछ मरने के बाद भी अंगदान करके समाज में जीवित रहते हैं

कुछ लोग जीते जी अंगदान करते हैं तो कुछ मरने के बाद भी अंगदान करके समाज में जीवित रहते हैं

एक्सपर्ट की मानें तो अंगदान में शरीर के अंग और ऊतकों को दान किया जाता है

एक्सपर्ट की मानें तो अंगदान में शरीर के अंग और ऊतकों को दान किया जाता है

इन अंगों में यकृत, गुर्दे, अग्नाशय, हृदय,फेफड़े और आंत शामिल तो हैं ही

इन अंगों में यकृत, गुर्दे, अग्नाशय, हृदय,फेफड़े और आंत शामिल तो हैं ही

ऊतकों में कॉर्निया, हड्डी, त्वचा, हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, कण्डरा आदि भी दान की श्रेणी में आते हैं

ऊतकों में कॉर्निया, हड्डी, त्वचा, हृदय वाल्व, रक्त वाहिकाएं, नस, कण्डरा आदि भी दान की श्रेणी में आते हैं

अंगदान के लिए डॉनर की एक वसीयत बनाकर दान में जाने वाले अंग लिखे होते हैं

अंगदान के लिए डॉनर की एक वसीयत बनाकर दान में जाने वाले अंग लिखे होते हैं

एक जीवित व्यक्ति गुर्दा, अग्नाश्य या लिवर का एक हिस्सा दान कर सकते हैं

एक जीवित व्यक्ति गुर्दा, अग्नाश्य या लिवर का एक हिस्सा दान कर सकते हैं

जबकि मृत्यु के बाद आँख, किडनी, लीवर, फेफड़ा, ह्रदय, पैंक्रियाज, आंत का दान होता है

जबकि मृत्यु के बाद आँख, किडनी, लीवर, फेफड़ा, ह्रदय, पैंक्रियाज, आंत का दान होता है

अंगदान में उम्र की कोई सीमा नहीं होती. बस शरीर का स्वस्थ होना सबसे ज्यादा जरूरी है

अंगदान में उम्र की कोई सीमा नहीं होती. बस शरीर का स्वस्थ होना सबसे ज्यादा जरूरी है

हर अंग की उम्र सीमा अलग होती है, इसलिए दान करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें

हर अंग की उम्र सीमा अलग होती है, इसलिए दान करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें