स्वस्तिक चिन्ह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है स्वस्तिक शब्द संस्कृत भाषा से आया है इसका शाब्दिक अर्थ है- शुभ के अस्तित्व को स्थापित करने वाला 1920 में जर्मन नाज़ी पार्टी ने स्वस्तिक जैसे चिन्ह को अपना प्रतीक बनाया था इसे Hakenkreuz (हुकेड क्रॉस) कहा जाता है यह सामान्य स्वस्तिक से थोड़ा टेड़ा होता है हकेनक्रेज में स्वस्तिक की तरह चार बिंदु भी नहीं होते हैं एडॉल्फ हिटलर के इस चिन्ह को चुनने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं माना जाता है कि हिटलर को संस्कृत और जर्मन भाषा में समानता दिखी थी वह मानता था कि भारतीय और जर्मन दोनों आर्य वंश से संबंधित हैं