आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ने भारत-चीन वाले BRICS संगठन में शामिल होने की गुहार लगाई है.



खबर है कि पाकिस्तान अगस्त में साउथ अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्स समिट के दौरान BRICS में शामिल होने की मांग को आगे बढ़ाएगा.



ब्राजील, रूस, इंडिया और चीन के अलावा साऊथ अफ्रीका इस संगठन के सदस्य हैं. इन्हीं देशों के पहले अक्षर से BRICS बना है.



दुनिया के बड़े संस्थानों पर अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबदबे के खिलाफ BRICS को 16 जून 2009 में बनाया गया था.



BRICS में ज्यादातर तेजी से विकास करने वाले देश हैं, ऐसे में पाकिस्तान के इसमें जुड़ने से संगठन की विश्वसनीयता घट जाएगी.



'फर्स्ट पोस्ट' के मुताबिक भारत को BRICS में पाकिस्तान का शामिल होना पसंद नहीं होगा और वो एक्टिव मेंबर के तौर पर काम करना बंंद कर देगा.



भारत लगातार पाकिस्तान पर आतंक फैलाने के आरोप लगाता रहा है.



2016 के BRICS सम्मेलन में तो पीएम मोदी ने पाकिस्तान को आतंक की मां तक कह दिया था.



अब अगर पाकिस्तान की एंट्री होती है और भारत BRICS से अलग होता है तो ये ग्रुप कमजोर पड़ जाएगा.



पाकिस्तान के साथ-साथ सऊदी अरब, ईरान समेत 19 देशों ने BRICS का सदस्य बनने के लिए पेशकश की है.



हालांकि, BRICS में पाकिस्तान को जगह मिलना लगभग नामुमकिन है. पाक अक्सर, इस्लाम के नाम पर पार्टनर ढूंढता है, फिर उनसे मदद मांगता है.



पाकिस्तान के BRICS में शामिल न हो पाने की 3 वजहें और हैं. पहली- फाइनेंस, दूसरी- सार्क, तीसरी और आखिरी वजह- पाक की विदेश नीति.