चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. कुंडली में चंद्रमा की शुभ स्थिति से जीवन में सुख-शांति आती है.



सौर-मंडल का स्वामी सूर्य जहां हमेशा गोल नजर आता है, चंद्रमा प्रतिदिन अपना आकर बदलता नजर आता है.



आइए जानते हैं चंद्रमा की कलाओं के बारे में.



चंद्रमा की 16 कलाएं अमृत, मनदा (विचार), पुष्प (सौंदर्य)



पुष्टि (स्वस्थता), तुष्टि( इच्छापूर्ति), ध्रुति (विद्या)



शाशनी (तेज), चंद्रिका (शांति), कांति (कीर्ति)



ज्योत्सना (प्रकाश), श्री (धन), प्रीति (प्रेम), अंगदा (स्थायित्व)



पूर्ण (पूर्णता अर्थात कर्मशीलता) और पूर्णामृत (सुख).



चंद्रमा के प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक के सफर को 16 कलाओं से युक्त कहा गया है.