पितृ दोष को अशुभ माना जाता है. यह ऐसा दोष है, जिसका प्रभाव पीढ़ियों तक रहता है.

पितृ दोष होने से वंशावृद्धि, विवाह और तरक्की में बाधा उत्पन्न होती है.

मृत्यु के बाद परिजन का विधिपूर्वक कर्मकांड न करने पर पितृ दोष लगता है.

परिजन की अकाल मृत्यु हो जाए तो पितृ दोष लगता है और इसका असर पीढ़ियों तक रहता है.

मृतक परिजन का पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध न करने पर भी पितृ दोष लगता है.

पीपल, नीम, बरगद जैसे पेड़ काटने या कटवाने से भी पितृ दोष झेलना पड़ता है.

असहाय की हत्या और जाने-अनजाने में नाग की हत्या करने से भी पितृ दोष लगता है.

पितृ दोष दूर करने और पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पितृपक्ष महत्वपूर्ण होता है.

पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण और हवन करने से पितृदोष दूर होता है.

पितृ पक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से होगी और 14 अक्टूबर को यह समाप्त हो जाएगा.