श्राद्ध 29 सितंबर से शुरु हो रहे हैं, जो अगले 15 दिन तक चलेंगे.



शास्‍त्रों में श्राद्ध कर्म को लेकर ये नियम भी बताए गए हैं.



जो लोग पूर्वजों के श्राद्ध में ब्राह्मणों के अलावा ए‍क ही शहर में रहने वाले



अपनी बहन, दामाद और भांजे को नहीं बुलाता, उसके द्वारा किए गए श्राद्ध का अन्‍न पितर ग्रहण नहीं करते.



श्राद्ध का भोजन इनको भी ग्रहण करने दें.



पितृपक्ष में श्राद्ध करते समय यदि कोई भिक्षुक आ जाए तो उसे आदरपूर्वक भोजन करवाना चाहिए.



जो व्यक्ति ऐसे समय में घर आए किसी भी इंसान को भगा देता है



उसका श्राद्ध कर्म पूरा नहीं होता, और उसका फल भी नष्ट हो जाता है.