पितृ पक्ष 10 सितंबर से आरंभ हो रहे हैं.

पितृ पक्ष 10 सितंबर से आरंभ हो रहे हैं. पितृ पक्ष को हिंदू धर्म में विशेष माना गया है.

पितृ पक्ष में पूर्वजों का याद किया जाता है. मान्यता है

पितृ पक्ष में पूर्वजों का याद किया जाता है. मान्यता है इस पक्ष में पितर लोक के द्वार खुल जाते हैं.

पितृ पक्ष में हमारे पितृ हमसे

पितृ पक्ष में हमारे पितृ हमसे मिलने आते हैं, ऐसी मान्यता है.

पितृ पक्ष में पितृ को आदर सम्मान

पितृ पक्ष में पितृ को आदर सम्मान दिया जाता है. पितृ हमें आशीर्वाद देते हैं.

पितृ पक्ष यानि श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर

पितृ पक्ष यानि श्राद्ध पक्ष 25 सितंबर को समाप्त होगा. इस दिन अमावस्या होगी.

कई लोगों का प्रश्न होता है कि पितृ पक्ष में

कई लोगों का प्रश्न होता है कि पितृ पक्ष में भगवान की पूजा करनी चाहिए कि नहीं?

पितृ पक्ष में भगवान की पूजा कर सकते हैं.

पितृ पक्ष में भगवान की पूजा कर सकते हैं. शास्त्रों में देव देवताओं को उच्च माना गया है.

पितृ पक्ष में देवी देवताओं की पूजा भी कर सकते हैं.

पितृ पक्ष में देवी देवताओं की पूजा भी कर सकते हैं. पितृ पक्ष में पूजा को बंद नहीं करना चाहिए.

पितृ पक्ष में सुबह और शाम के समय

पितृ पक्ष में सुबह और शाम के समय आप नित्य की तरह ही पूजा कर सकते हैं.

देवी देवताओं की बिना पितृ पक्ष में श्राद्ध आदि का पूर्ण

देवी देवताओं की बिना पितृ पक्ष में श्राद्ध आदि का पूर्ण फल नहीं मिलता है. इसलिए पूजा जरुरी है.