मकर संक्रांति के दिन पीएम नरेंद्र मोदी की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं जिनमें वह गायों को चारा खिलाते हुए नजर आ रहे थे



तस्वीरों के साथ एक विडियो भी सामने आई है. तब से इन गायों की चर्चा बहुत ज्यादा हो रही है



यह सारी गायें भारतीय नस्ल की हैं जो कुछ वर्ष पहले तक विलुप्त होने की कगार पर थीं



इस नस्ल की गाय आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के एक क्षेत्र पुंगानुरू में पाई जाती हैं जिसकी वजह से इन गायों का नाम पुंगानुरू पड़ गया.



विदेशी और आम नस्ल की गायों के मुकाबले यह गाय बहुत कम चारा खाती हैं पर दूध बहुत गाढ़ा, पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपुर देती हैं



ये गाय 5kg के आस-पास चारा खाती हैं और रोज 1-3 litre तक दूध देती है. इनके दूध में 8% तक फैट की मात्रा होती है, जबकि दूसरी गायों के दूध में 3-3.5% तक फैट पाया जाता है



इन गायों के पीछे का हिस्सा झुका हुआ होता है और पूंछ इतनी लंबी होती है कि जमीन को छू जाती है, सींग टेढ़े-मेढ़े होते है और अधिकतर गायों का रंग सफेद होता है



यें दुनिया की सबसे छोटी गाय हैं और इनकी हाईट 70 से 90 सेमी यानी ढ़ाई से 3 फुट के बीच होती है.



प्राचीन समय में ऋषि-मुनी भी इन गायों को पाला करते थे और इस नस्ल की एक गाय की कीमत 1-10 लाख रुपये के बीच है



22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 11 दिन के अनुष्ठान चरण में नियमित रूप से अपने आवास पर गौ सेवा कर रहे है.