प्रयागराज में एक बाबा कड़कड़ाती ठंड में कांटों से ही अपने बदन को ढंके रहते हैं

कांटों वाले बाबा का नाम रमेश जी महाराज है

इनका जन्म प्रयागराज के ही एक छोटे से गांव में हुआ था

साल 1990 में जब अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए देश भर में आंदोलन हो रहा था

कारसेवा हो रही थी, तब रमेश बाबा की उम्र महज़ सत्रह बरस की थी

कारसेवक बनकर वह भी अयोध्या गए

लेकिन वहां रामभक्तों के साथ हुए पुलिसिया सलूक से आहत हो गए

उन्होंने रामलला के अपने धाम में विराजमान होने तक कांटों पर ही लेटे रहने का अनूठा संकल्प ले लिया

इन तैंतीस बरसों में बाबा अपने संकल्प को लेकर लगातार हठ साधना पर ही कायम रहे

काशी और मथुरा का सवाल उठने के बाद बाबा ने अपनी साधना को बढ़ा दिया है.