मेडिकल साइंस की दुनिया में 1960 में पहली बार अल्ट्रासोनोग्राफी के जरिए प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया लेकिन मिस्र में 3500 साल पहले भी प्रेग्नेंसी टेस्ट किए जाते थे उस दौर में महिलाएं अपने यूरिन को गेहूं और जौ के बैग में डालती थी इनमें से कोई बीज उगता था तो इसका मतलब होता था कि महिला प्रेग्नेंट हैं वहीं दोनों में से एक भी नहीं उगता तो रिजल्ट नेगेटिव माना जाता था इस टेस्ट के जरिए बेटा होगा या बेटी इसकी पहचान के लिए तरीका मौजूद था सिर्फ जौ उगता है तो लड़के के जन्म का इशारा था गेहूं उगता है तो लड़की का जन्म होता था न्यू किंगडम एरा के पैपीरस में मिस्र में कई सौ साल पहले किए जाने वाले टेस्ट्स का जिक्र है इसमें प्रेग्नेंसी टेस्ट से लेकर आंखों के रोग के बारे में बताया गया है