पूजा के दौरान जाने-अनजाने में हुई गलतिया ईष्ट देव को नाराज कर सकती है.

शास्त्रों में बताया गया है कि पूजा के बाद भोग को ईश्वर के पास नहीं छोड़ना चाहिए, इसे अशुभ माना जाता है.

पूजा पूर्ण होने तुरंत बाद ही प्रसाद को भगवान के पास से उठा लेना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर किस्मत रूठ जाती है.

ऐसा न करने पर विश्वक्सेन, चण्डेश्वर, चण्डांशु और चांडाली नामक जैसी नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश करती हैं.

इन नकारात्मक ऊर्जा के चलते घर में क्लेश होने लगते हैं. आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से व्यक्ति का सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल जाता है और सुखों की हानि होती है.

नैवेद्य को धातु यानि सोने, चांदी, तांबा, पत्थर, लकड़ी या मिट्टी के पात्र में ही रखना चाहिए.

नियमित पूजा में भोग लगाने के लिए फल और मिष्ठान को सबसे उत्तम माना जाता है.