पूजा की थाल में बासी फूल

पूजा की थाल में बासी फूल और बासी भोग न रखें.

देवी-देवता को टूटे अक्षत न चढ़ाएं.

देवी-देवता को टूटे अक्षत न चढ़ाएं. खंडित चावल अशुभ होते हैं.

आरती में सदा तांब, पीतल या चांदी

आरती में सदा तांब, पीतल या चांदी के दीपक का ही उपयोग करें.

गणेश जी को तुलसी, मां दुर्गा को दूर्वा,

गणेश जी को तुलसी, मां दुर्गा को दूर्वा, विष्णु जी को चावल न चढ़ाएं.

एक दीपक से कभी दूसरा दीपक न जलाएं,

एक दीपक से कभी दूसरा दीपक न जलाएं, इससे दरिद्रता आती है.

शाम की पूजा में कभी शंख न बजाएं.

शाम की पूजा में कभी शंख न बजाएं. शंख नाद सुबह किया जाता है.

शाम के न फूल तोड़े न ही भगवान को अर्पित करें.

शाम के न फूल तोड़े न ही भगवान को अर्पित करें. शाम को तुलसी तोड़ना भी वर्जित है.

पूजा घर में किसी देवी-देवता की

पूजा घर में किसी देवी-देवता की रौद्र रूप वाली तस्वीर न लगाएं.

पूजा करते समय जमीन पर न बैठें.

पूजा करते समय जमीन पर न बैठें. कुश का आसन पूजा के लिए शुद्ध होता है.

प्रभू की आरधना करने से पहले

प्रभू की आरधना करने से पहले दीप प्रज्वलित करना न भूले.