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4 दिसंबर 1981 में 45 लोगों की मौत के बाद बंद कर दिए गए थे कुतुबमीनार के दरवाजे

मीनार के अंदर घूमने गए गए थे कई टूरिस्ट और स्कूली छात्र



घूमने वाले लोगों में अधिकतर थे छात्र



कुतुबमीनार में कट गई थी बिजली



बिजली कटने के बाद लोगों में मच गई थी भगदड़



भगदड़ मचने से हुई थी 45 लोगों की मौत



घटना के बाद मीनार के बंद हो गए थे दरवाजे



43 साल बाद भी बंद ही पड़े हैं गेट



मीनार के अंदर जाने देने की मांग अभी भी है जारी



लेकिन सरकार ने अभी तक नहीं किया कोई विचार