राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मातृकुंडिया स्थित है

यह राशमी तहसील के हरनाथपुरा पंचायत में है

मान्यता है कि यहां भगवान परशुराम ने अपनी मां की हत्या के पाप से मुक्ति पाई

भगवान परशुराम ने शिव जी की तपस्या की और मातृकुंडिया के जल में स्नान किया

इस स्नान से उनके पाप धुल गए, इसलिए इसे मातृकुंडिया कहा जाता है

मातृकुंडिया का अर्थ है माता के पाप से मुक्ति देने वाला कुंड

यह कुंड बनास नदी पर स्थित है

मेवाड़ के लोग यहां अपने पूर्वजों की अस्थियों का विसर्जन करते हैं

जो लोग हरिद्वार नहीं जा सकते, वे मातृकुंडिया में अस्थि विसर्जन करते हैं

बता दें, इसे ही मेवाड़ का हरिद्वार कहा जाता है.