भारत में ट्रेन यातायात एक अहम साधन है लेकिन राजस्थान का एक गांव इस मामले में खास है

रशीदपुर खोरी रेलवे स्टेशन को भारतीय रेल मंत्रालय नहीं बल्कि गांव वाले खुद संचालित करते हैं

यह रेलवे स्टेशन 1923 में अंग्रेजों ने जयपुर-चुरू रेलवे लाइन के हिस्से के रूप में बनवाया था

स्टेशन शुरू होने के बाद से यह गांव के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी बना जो यातायात और व्यापार में मदद करता था

2005 में रेलवे अधिकारियों ने इसे बंद करने का फैसला लिया जिससे गांव वाले निराश हो गए

गांव वालों ने रेलवे अधिकारियों से मुलाकात की और स्टेशन के संचालन की जिम्मेदारी लेने की पेशकश की

दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ, जिसमें रेलवे ने शर्त रखी कि प्रति माह 3 लाख की आय और स्टेशन का रखरखाव करना होगा

2009 में गांव वालों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए और पूरी जिम्मेदारी ली

इसके बाद गांव वालों ने स्टेशन के संचालन में अच्छा मुनाफा कमाया और रेलवे की शर्तों को पूरा किया

आज भी रशीदपुर खोरी रेलवे स्टेशन पूरी तरह से गांववालों द्वारा चलाया जाता है जो एक अनोखा उदाहरण है