दीपावली का उत्साह चारों ओर देखने लायक होता है इस दिन लोग अपने घर में भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं लेकिन आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे गांव के बारे में बताने वाले हैं जहां दिवाली पर श्मशान घाट में पूजा की जाती है यहां महिलाएं नवजात शिशुओं को ले जाकर धोक लगवाती हैं वे लंबी उम्र के लिए आशीर्वाद मांगती हैं यह गांव है अलवर जिले के बानसूर तहसील का गूता यह प्रथा 36 कौमों की ओर से चली आ रही है दीपावली पर सुबह से ही महिलाएं और बच्चे श्मशान घाट पर पहुंचते हैं वहां स्थित सती माता मंदिर पर पूजा और आराधना की जाती है स्थानीय निवासी राजकुमार के अनुसार, लगभग 400 साल पहले गूता गांव के एक लड़के की शादी बाबरिया गांव की एक लड़की से तय हुई थी लड़के की मौत के बाद लड़की सती होने के लिए श्मशान घाट गई और वहां उसके पति के शव के पास अग्नि लग गई बताया जाता है कि माता सती के साथ एक कुत्ता भी आया था, जो पत्थर की मूर्ति में बदल गया अब आस-पास के गांवों की महिलाएं होली और दीपावली पर नंगे पांव श्मशान घाट पहुंचकर सती माता की कहानी सुनती हैं.