कर्णावती ऐसी महान राजपूत रानी थी, जिन्होंने जौहर में जान दे दी रक्षाबंधन पर रानी कर्णावती का जिक्र ना हो, ये संभव नहीं इतिहासकारों के अनुसार मेवाड़ की संरक्षक रानी कर्णवती ने हुमायूं को राखी भेजा था रानी कर्णवती ने बहादुर शाह के जुल्मों से अपने “भाई” से रक्षा की गुहार लगाई थी जिसे पूरा करने के लिए हुमायूं ने मेवाड़ की तरफ अपने घोड़े दौड़ा दिये थे राखी मिलते ही हुमायूं ने वहां से आगरा और दिल्ली संदेश भेजा लेकिन जब तक वह फौजों को लेकर चित्तौड़ पहुंचा, देर हो चुकी थी कर्णावती महल की सभी स्त्रियों के साथ जौहर कर चुकी थीं अफसोस वह अपनी “बहन” को बचाने में नाकामयाब रहा.