प्रभु श्री राम ने लंकापति रावण का युद्ध करने से पहले इस भगवान की पूजा की थी.



श्री राम ने लंका युद्ध के समय मां अपराजिता की विधिपूर्वक पूजा की थी.



देवी अपराजिता को माता दुर्गा का ही अवतार माना गया हैं.



अपराजिता का अर्थ है जिसे कोई हरा न सके.



देवी अपराजिता की पूजा करने के बाद राम जी ने रावण का वध किया था.



मां अपराजिता ने राम जी को विजय का आशीर्वाद दिया था.



इसीलिए दशहरा के दिन देवी अपराजिता की विशेष पूजा की जाती है.



इस दिन को 'अपराजिता पूजा' भी कहते हैं



इसीलिए विजयदशमी के दिन अपने घर में अपराजिता का पौधा जरुर लाएं,



इस दिन अपराजिता के पौधे की पूजा करने का विशेष लाभ होता है.