अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का शुभ दिन आ गया. 22 जनवरी का राम भक्तों को बेसब्री से इंतजार था और आज वो अवसर आ गया है
क्या आप जानते हैं कि भारत में एक ऐसा मंदिर है, जहां राम भगवान की तरह नहीं बल्कि राजा की तरह पूजे जाते हैं. इसका नाम रामराजा मंदिर है
आइए जानते हैं कि यहां भगवान राम को राजा की तरह क्यों पूजा जाता है
यह जगह मध्य प्रदेश के निवारी जिले के ओरछा नगर में स्थित है. यहां भगवान राम एक भव्य महल में विराजमान हैं और इस जगह को दूसरी अयोध्या भी कहा जाता है
यहां पुलिसकर्मी हर दिन रामराजा को गॉड ऑफ ऑनर भी देते हैं
ऐसा माना जाता है कि 16वीं शताब्दी में ओरछा के शासक मधुकर शाह की पत्नी रानी कुंवरी गणेश रामलला को अयोध्या से ओरछा ले आई थीं
राजा मधुकर कृष्ण के भक्त थे और रानी राम की भक्ति करती थीं. एक दिन राजा ने ने रानी से वृंदावन चलने को कहा, लेकिन रानी अयोध्या जाना चाहती थीं. तब राजा ने कहा अगर राम सच में हैं तो उन्हें ओरछा लाकर दिखाओ
इसके बाद रानी महल के सुख छोड़कर अयोध्या गईं और भगवान राम को बुलाने के लिए कठोर तप शुरु कर दिया
तप के 21 दिन बीतने के बाद भी जब कोई परिणाम नहीं मिल पाया तो रानी सरयू नदी में कूद गईं जिसके बाद श्रीराम बाल स्वरूप में रानी की गोद में बैठ गए
भगवान राम ने ओरछा चलने के लिए रानी के सामने तीन शर्तें रखीं, जिसमें से एक शर्त यह थी कि वह ओरछा के राजा कहलाएंगे और उनके अलावा किसी और की सत्ता नहीं चलेगी