अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन के लिए 22 जनवरी को भव्य समारोह होने जा रहा है, जिसमें साधु-संत और देश की कई VVIP हस्तियां भी शामिल होंगी



अयोध्या भूमि को लेकर चले लंबे संघर्ष के बाद अब यहां राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है. मंदिर के एक फ्लोर का काम पूरा हो चुका है और बाकी दो के लिए काम चल रहा है



ठाकुर गजराज सिंह, कुंवर गोपाल सिंह, ठाकुर जगदंबा सिंह और बाबा केशव दास समेत हजारों राजपूतों ने भी राम मंदिर के लिए चले संघर्ष में अपनी जान का बलिदान दिया



औरंगजेब के समय साल 1678-1707 में राम जन्मभूमि के लिए राजेपुर के ठाकुर गजराज सिंह के साथ कई कुंवर और हजारों राजपूतों ने दर्जनों लड़ाईयां लड़ी थीं.



राम जन्मभूमि के लिए जगदम्बा सिंह का साहस भरा बलिदान अवध की लोककथाओं में अमर है.



जयपुर रॅायल अभिलेखागार में संग्रह से पता चलता है कि राम के पुत्र कुश के वंशज सवाई जय सिंह ने 1717 में अयोध्या की भूमि खरीदकर एक मंदिर बनवाया था



सवाई जय सिंह की मृत्यु के बाद पूरा क्षेत्र नवाब के शासन में चला गया और सआदत अली ने यहां मस्जिद बनवा दी



साल 1800-1814 के दौरान अमेठी के राजा गुरूदत्त सिंह और पिपरा के चंदेल राजा राजकुमार सिंह ने राम मंदिर के लिए सआदत अली खान से पांच लड़ाईयां लड़ीं



राम जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए 1814-1836 के दौरान मकरही के राजा ने नवाब नसीरूद्दीन हैदर के खिलाफ तीन लड़ाईयां लड़ीं



गोंडा के राजा देवी बख्स ने भी 1847-1857 के बीच, राम जन्मभूमि के लिए तालुकदारों और छोटे राज्यों के साथ मिलकर जंग लड़ी जिसमें वाजिद अली शाह को हराकर परिसर में एक छोटा चबुतरा और मंदिर का निर्माण किया गया