रामानंद सागर के लिए 80 के दौर में रामायण बनाना आसान नहीं था

रामानंद सागर के ड्रीम प्रोजेक्ट रामायण को शुरू में किसी ने स्पॉन्सर नहीं किया

रामानंद सागर और उनके बेटे फंड जोड़ने असफल रहे

क्योंकि लोगों को लगता था कि मूंछ और मुकुट का कॉन्सेप्ट काम नहीं करेगा

विक्रम बेताल हिट होने के बाद रामायण के लिए स्पॉन्सर मिलने लगे

रामायण का एपिसोड बनने में 9 लाख रुपए का खर्च होता था

रामायण का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल है

युद्ध के सीन को शूट करने के लिए कैमरे में स्पेशनल इफेक्ट डाला जाता था

रामायण में स्पेशनल इफेक्ट्स के लिए SEG 2000 का प्रयोग किया गया था

रामायण में कोहरा दिखाने के लिए धूपबत्ती और अगरबत्ती का इस्तेमाल किया जाता था